Cg News | सरनेम क्या बदला ?, शिक्षिका को नही मिला 8 महीने से वेतन, विभागी कार्यालयों का काट रही चक्कर
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बलौदाबाजार। जिले के कसडोल ब्लॉक गांव बया की एक शिक्षिका को 8 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। वेतन नहीं मिलने को लेकर वो विभागीय कार्यालय का चक्कर काट रही है। नियमों का हवाला देकर शिक्षिका का वेतन रोक दिया गया है। इनके इलाके का क्लर्क हरीश पालेश्वर शिक्षिका के साथ बदसलूकी करते हुए जान से मरने की धमकी भी दे चुका है। अपने ही वेतन के लिए भ्रष्ट सरकारी सिस्टम से लड़ रही रीना ठाकुर की मदद के लिए अभी तक कोई सामने नहीं आया है।
रीना ने बताया कि पिछले 8 महीनों से मैं सरकारी नौकरी होने के बाद भी फ्री में ही बच्चों को पढ़ा रही हूं। मुझे वेतन नहीं दिया जा रहा है। बया के अधिकारी आर जगत उनके क्लर्क हरिश पालेश्वर मुझे वेतन जारी नहीं कर रहे हैं। ये हाल तब से है जब से साल 2020 नवंबर के महीने में मेरा शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है। नाम की गड़बड़ी बताकर वेतन रोका गया। रीना शादी से पहले उर्वाशा सरनेम लिखती थीं अब ठाकुर हो गई है । इसी को आधार बनाकर अफसर परेशान करते रहे। ब्लॉक एजुकेशन अफसर के दफ्तर जाकर नाम की त्रुटी को बदला लिया मगर अफसरों तब भी वेतन नहीं दिया।
क्लर्क हरीश पालेश्वर के पास जब काम करवाने के लिए रीना पाहुंची तो एक बार शराब पीकर उसे जान से मारने की धमकी दे डाली। कुछ दिनों पहले तक क्लर्क उनसे काम करने के एवज में बकरा और भात की मांग करता रहा। आठ माह से वेतन नहीं मिलने की वजह से रीना आर्थीक तंगी से झुझ रही है। तीन साल के दो जुड़वा बच्चे है। बार बार अधिकारीयों के दफ्तर और बदसलूकी घटनाओं की वजह से रीना मानसिक रूप से परेशान महसूस कर रही हैं।
शिक्षक संघ के नेता विवेक दुबे ने कहा कि DDO इस मामले में पूरी तरह से दोषी है और वही जानबूझकर अब महिला कर्मचारी को परेशान कर रहे हैं। हम इस मामले की शिकायत अब कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक कर रहे हैं।