24 फरवरी से छत्तीसगढ़ का विधानसभा सत्र प्रारंभ होने जा रहा है।बज़ट सत्र होने के कारण ये सत्र काफी लंबे दिनों तक चलने वाला होता है।
जिस तरह विधानसभा में उठाये जाने वाले प्रश्नों के बारे में जानकारी आ रही है उससे ये प्रतीत हो रहा है कि इस बार सरकार विपक्ष के साथ साथ सत्ता पक्ष के विधायकों से भी घिरने जा रही है।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे राजिम के विधायक अमितेश शुक्ला ने भी इस बार सदन में सवालों की लड़ी लगा रखी है।
साथ ही सारँगगढ़ से पहली बार जीत के आई उत्तरी जांगड़े ने भी सरकार के कामो की जानकारी मांगी है।
आदिवासी नेता एवं विधायक गुलाब कमरों भी सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करते नज़र आएंगे।
फिलहाल इतना तो तय नज़र आ रहा है कि काफी समय से शांत बैठी भारतीय जनता पार्टी भी सदन में कोई मौका छोड़ना नही चाहेगी।हाल ही में किसानों के मुद्दों को लेकर भाजपा का प्रदर्शन उतना असरकारक तो नही रहा किन्तु एक जुट होने में वो सफल रहे है।
जोगी कांग्रेस के विधायक धर्मजीत सिंह और देवव्रत सिंह को सदन का काफी पुराना अनुभव रहा है सरकार को कैसे कटघरे में लाना है ये दोनों से बेहतर कोई नही जानता है।उनके भी सवाल सरकार को कही न कही बैकफ़ुट में लाने का प्रयास जरूर करेंगे।
कुल मिलाकर ये बज़ट सत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए आसान नही होगा देखना ये है कि कैसे मुख्यमंत्री परायों के अलावा अपनो का सामना करते है।