Chhattisgarh | 10 दिन में परिवार के चार सदस्यों ने कोरोना से तोड़ा दम, लगवा ली थी वैक्सीन की पहली डोज, सरकार से सहायता की उम्मीद, जानियें रावत परिवार का दर्द
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दुर्ग । कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान ले ली है। भारत के कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर दौड़ पड़ी है। इन राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ है, जहां कोरोना महामारी एक बार फिर लोगों की जान ले रहा है। खासकर दुर्ग जिला कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है।
कोरोना ने कई परिवारों को बेसहारा कर दिया और वे ताश के पत्तों की तरह बिखर गए। ऐसा ही एक दर्द हरेंद्र सिंह रावत का परिवार झेल रहा है। इस परिवार के 4 सदस्य कोरोना संक्रमण की वजह से मौत की नींद में समा गए। मृतकों में से एक हरेंद्र सिंह रावत भी है, जो अब इस दुनिया में नही रहें।
भिलाई सेक्टर-4 में रहने वाला हरेंद्र सिंह रावत का परिवार एक जॉइंट परिवार है, जिसमें बुजुर्ग मां-बाप 3 बेटे-बहु और नन्हे मुन्ने बच्चे रहते हैं। लेकिन कोरोना ने बुजुर्ग दंपत्ति और उनके 2 बेटों की जान ले ली। कोरोना वैक्सीन की पहली डोज के बाद भी परिवार के लोग कोरोना संक्रमित हो गए। सांस लेने में तकलीफ के बाद इन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां कोरोना संक्रमण की पुष्टि की गई। लापरवाही कहां हुई कोरोना कैसे हुआ यह किसी को नहीं पता।
मृतकों के नाम –
हरेंद्र सिंह रावत (78) मौत 16 मार्च,
पत्नी कौशल्या सिंह रावत (70) मौत 25 मार्च,
बड़ा पुत्र मनोज सिंह रावत (51) मौत 21 मार्च,
छोटा पुत्र मनीष सिंह रावत (44) मौत 25 मार्च।
मृतकों के अलावा परिवार के अन्य लोग भी कोरोना संक्रमित हुए, जिन का इलाज होम क्वॉरेंटाइन में हुआ। अब इस परिवार के अन्य सदस्य स्वस्थ है लेकिन इनका इलाका कंटेंटमेंट जोन घोषित हो चुका है। 10 दिन में घर के चार सदस्यों की मौत से पूरा परिवार टूट गया है। परिवार की पूरी जिम्मेदारी हरेंद्र सिंह रावत के मंझले बेटे पर आ गई है। मां-बाप और दो भाइयों को खोने का दर्द है, वहां भाभी और बच्चों की जिम्मेदारी, अब इनके कंधों पर है। परिवार पूरा बिखर चुका है, इस दुख के समय में इस परिवार ने जिला प्रशासन और सरकार से मदद की अपील की है। इन्हें विश्वास है कि सरकार इनकी सहायता करेगी।