खास खबर | छत्तीसगढ़ के 55 सांस्कृतिक कलाकार भेजें गए असम, कांग्रेस के लिए करेंगे चुनाव प्रचार, 6 दिन चलेगा ये अभियान
1 min read
रायपुर | छत्तीसगढ़ के अलग-अलग सांस्कृतिक दलों के 55 कलाकार असम भेजे गये हैं। सतनामी, साहू और आदिवासी समुदाय से संबद्ध ये कलाकार अपर असम के चाय बगान वाले क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और असम के प्रभारी विकास उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ मूल के असमी लोगों के बीच साझी संस्कृति के जरिए वोट बटोरने की रणनीति के तहत कलाकारों को बुलाया है।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को असम चुनाव के लिए कांग्रेस का सीनियर आब्जर्वर और समन्वयक बनाया है। वहीं रायपुर विधायक विकास उपाध्याय को राष्ट्रीय सचिव बनाने के बाद असम का प्रभारी बनाया गया है। कांग्रेस की कोशिश छत्तीसगढ़ मूल के मतदाताओं को पार्टी के पक्ष में लामबंद करने का है। ये लोग वर्षों से असम के चाय बागानों में काम कर रहे हैं। बताया जा रहा है, विकास उपाध्याय की सलाह पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी नेतृत्व को चाय बागानों में काम करने वालों पर ध्यान केंद्रित करने को तैयार किया। राहूल गांधी ने पिछले दिनों शिवसागर की सभा में चाय मजदूरों को प्रतिदिन 365 रुपये मजदूरी देने का वादा किया। इसके बाद में छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक दलों को असम बुलाकर उनका कार्यक्रम कराने की रणनीति बनी है। कांग्रेस के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि इस कोशिश से छत्तीसगढ़ मूल के लोग कांग्रेस के समर्थन में वोट करेंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और रायपुर विधायक विकास उपाध्याय ने कहा, असम में छत्तीसगढ़ मूल के लोगों की आबादी 25 लाख से अधिक है। ये लोग वर्षों से यहां के चाय बागानों में काम रहे हैं। इनमें सतनामी, साहू, निषाद और आदिवासी समाज के लोग शामिल हैं। वे अपने जड़ों और संस्कृति को याद करते हैं। उन्होंने संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से चर्चा कर कलाकारों का दल बुलवाया है।
विकास उपाध्याय ने बताया, अपर असम के 20 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में सांस्कृतिक दलों का कार्यक्रम होना है। यह अभियान अगले छह दिनों तक जारी रहेगा। इसमें छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत भी पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी तीन दिन के दौरे पर असम पहुंच गये हैं।
छत्तीसगढ़ से असम गये कलाकारों में दिलीप षड़ंगी, गरिमा दिवाकर, स्वर्णा दिवाकर, राकेश तिवारी, प्रशांत ठाकर और मोहम्मद तारीक खान (गिन्नी) जैसे प्रमुख कलाकार शामिल हैं। उनके साथ उनका सांस्कृतिक दल भी है। ये कलाकार स्थानीय लोगों के साथ सांस्कृतिक संवाद भी करेंगे।