बीरगांव में साहू समाज की फर्जी नियुक्ति को लेकर बढ़ा विवाद.. प्रदेश अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के खिलाफ लगे नारे.. शपथ ग्रहण समारोह करना पड़ा स्थगित..
1 min readरायपुर। बीरगांव नगर निगम को तहसील साहू संघ का दर्जा दिए जाने को लेकर लगातार विरोध हो रहा है। यहीं वजह है कि आज शपथ ग्रहण स्थल में साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी और प्रदेश कोषाध्यक्ष हनुमंत प्रसाद साहू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। जिसके बाद बिरगांव के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा। नारे लगाने वाले साहू समाज के ही पदाधिकारी और सदस्य है। उनका आरोप है प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी और कोषाध्यक्ष हनुमंत प्रसाद साहू द्वारा फर्जी नियुक्ति की गई है। साथ ही साथ समाज के कार्यक्रम को अपने मनमानी ढंग से कर रहे है। जिसमें समाज के इनके अलावा कई बड़े पदाधिकारी एवं राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों को भी नहीं पूछा जा रहा है। जिसकी वजह से समाज के लोगों का प्रदेश अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के खिलाफ गुस्सा फूटा हुआ है।
आपको बता दें कुछ दिन पहले प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी एवं कोषाध्यक्ष हनुमंत प्रसाद साहू के द्वारा अधीनस्थ परिक्षेत्र, तहसील एवं जिला के बिना सहमति एवं विश्वास में लिए प्रदेश साहू संघ के नियमावली को ताक में रखकर नई तहसील का गठन कर दिया गया था। जिसको लेकर अधिनस्थ इकाई एवं तहसील के द्वारा प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष को ज्ञापन देकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी।
प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा भूल की बात स्वीकार करते हुए नए सिरे से तहसील के गठन एवं आम सहमति से निर्वाचन कराने की बात कही गई थी। लेकिन बिना सुधार किए अपनी मनमर्जी चलाते हुए आज शपथ ग्रहण का कार्यक्रम रख दिया गया था जिस्से उत्तेजित होकर संबंधित इकाई एवं तहसील के लोग शपथ ग्रहण स्थल पर सैकड़ों की संख्या में नारेबाजी करते हुए शपथ ग्रहण का जमकर विरोध एवं बहिष्कार किया। जिसके फलस्वरूप यू टर्न लेते हुए शपथ ग्रहण को स्थगित करना पड़ा।
बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा कुछ दिनों से प्रदेश साहू संघ के नियमावली को ताक में रखकर अपनी मनमर्जियां चला रहे हैं। इसको लेकर समाज में भारी रोष व्याप्त है कुछ दिन पहले बिना प्रदेश साहू संघ कार्यकारिणी एवं जिला के सहमति के चुनाव मे हारे लोगों को पद देकर उपकृत किया गया। जिसको लेकर भी आज नारेबाजी की गई।
बहरहाल देखने वाली बात यह होगी कि शपथ ग्रहण की स्थगन के बाद जिन लोगों के नियुक्ति को लेकर भी विरोध हो रही है उनकी नियुक्ति भी रद्द करते हैं या नहीं।