Cg News | कांग्रेसियों का सब्र अब टूटने लगा, छत्तीसगढ़ में निगम मंडल, आयोग और प्राधिकरण की दूसरी सूची का इंतजार, जानियें PCC चीफ ने क्या कहा –
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में निगम मंडल, आयोग और प्राधिकरण की दूसरी सूची का इंतजार करते-करते कांग्रेसियों का सब्र अब टूटने लगा है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने दो वर्ष से अधिक समय बीत गया है। ऐसे में निगम, मंडल, आयोग और प्राधिकरण में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर बची सूची का कांग्रेसियों को अभी भी बेसब्री से इंतजार है। हालाँकि नेताओं का यह सब्र अब जवाब देने लगा है।
वहीँ, कांग्रेस नेता अपना नाम फाइनल कराने आकाओं के आगे-पीछे चक्कर काटते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर कब निगम-मंडलों की बची सूची जारी होगी?
इसको लेकर कांग्रेस की ओर से बार-बार सूची फाइनल होने की बात कही जा रही है। इतना ही नहीं लिस्ट फ़ाइनल होने को लेकर बाकायदा समय भी दिया जा रहा है, लेकिन घोषणा नहीं हो पा रही है। इससे कांग्रेसी काफी नाराज चल रहे हैं, हालांकि अभी तक किसी ने खुलकर इस पर नाराजगी नहीं जाहिर की है।
ज्ञात हो कि इससे पहले अभी तक निगम-मंडल में नियुक्ति की 32 नामों की केवल एक सूची जारी हो पाई है, जबकि इसमें100 से अधिक नियुक्तियां होनी हैं।
निगम-मंडल में नियुक्ति नहीं होने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाराज होने के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सफाई दी है। राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा में मरकाम ने कहा कि कांग्रेस संगठन में नियुक्तियां लगातार हो रही हैं। पहले प्रदेश संगठन, फिर जिला और अब ब्लाक अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है।
निगम-मंडल में भी जल्द नियुक्ति की जाएगी। इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि निगम-मंडल में कुछ नियुक्तियां बची हैं, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। सरकार बने दो साल से ज्यादा का समय बीत चुका है।
कांग्रेस नेताओं की निराशा का सबसे बड़ा कारण यह है कि यदि अभी नियुक्ति होती है, तो उन्हें दो से ढाई साल काम करने का समय मिलेगा। छह महीना पहले चुनाव की तैयारी शुरू हो जाती है। ऐसे में पद पाने के बाद भी उम्मीद के अनुस्र्प नेता परफार्मेंस नहीं कर पाएंगे।
कांग्रेस के आला पदाधिकारियों की मानें तो अब निगम-मंडल के दावेदार यह जानने की कोशिश में जुटे हैं कि आखिर सूची कहां अटकी है। कांग्रेस के समन्वय समिति और मंत्रियों के साथ निगम-मंडल के दावेदारों को लेकर चर्चा हो चुकी है।
प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया की बैठक भी दो महीने पहले पूरी हो गई है। ऐसे में अब चर्चा का बाजार गर्म है कि विधानसभा के बजट सत्र के बाद सूची आ सकती है।