Raipur Big News | कोविड वार्ड में आक्सीजन ख़त्म हो जाने से वृध्दा की मौत, मेडिकल काॅलेज अस्पताल में बना है Covid सेंटर
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रायपुर | राजधानी के मेडिकल काॅलेज अस्पताल में बने कोविड सेंटर में एक कोविड-19 संक्रमित वृध्दा की मौत हो गई। मृतका के पोते का आरोप है कि कोविड सेंटर में ऑक्सीजन खत्म होने की वजह से उसकी दादी की मौत हुई। मृतका के पोते ने आरोप लगाया है कि ऑक्सीजन खत्म हो जाने पर प्रबंधन के लोग आनन-फानन में सीएमएचओ आफिस के गोदाम में सिलेंडर लेने गए। जब तक सिलेंडर आता वृध्दा की मौत हो चुकी थी।
दरअसल, लुण्ड्रा थाना क्षेत्र के ग्राम बरगीडीह की रहने वाली 75 वर्षीय वृद्धा को 30 दिसंबर को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इसी के चलते उसके परिजन इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए थे। यहां कोरोना संदिग्ध मानते हुए उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। कोविड टेस्ट की जांच में वृध्दा कोरोना पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद उसे कोविड सेंटर के आईसीयू में रखा गया था। शनिवार की दोपहर 12 बजे वृद्धा की मौत हो गई। वहीं, इस मामले में मृतका के पोते ने मौत का कारण ऑक्सीजन सिलेंडर का ऑक्सीजन खत्म होना बताया है। उसका कहना है कि कोविड सेंटर के अंदर डॉक्टर और स्टाफ बहुत कुशल हैं, लेकिन मैनेजमेंट की कमी के कारण मेरी दादी की मौत हुई है। उनकी ऑक्सीजन खत्म हो गई, फिर उसकी व्यवस्था करने की कोशिश की गई। उसके बाद में, सीएमएचओ ऑफिस के गोदाम से ऑक्सीजन सिलेंडर लाकर लगाया गया। तब तक दादी की मौत हो चुकी थी।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल –
इस घटना से जुड़ा हुआ एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उस वीडियो में मृतका का पोता भी है। वह डॉक्टरों से बात कर रहा है। वहीं वीडियो में अगल-बगल के बेड पर जितने भी मरीज भर्ती हैं, सभी ऑक्सीजन खत्म होने को मौत का कारण बता रहे हैं।
मेडिकल अस्पताल अधीक्षक डॉ लखन का बयान –
दूसरी तरफ मेडिकल अस्पताल अधीक्षक डॉ लखन का कहना है कि ऑक्सीजन सिलेंडर में फ्लो जरूर कम हुआ था। ऑक्सीजन पूरी तरह से बंद नहीं हुई थी। वृद्ध महिला 79 साल की थी और पहले से महिला की स्थिति गंभीर थी। उनको डायबिटीज था, इलाज करने वाले चिकित्सक ने मृत महिला के परिजनों को पहले से ही बता दिया था। मैं नहीं मानता कि केवल ऑक्सीजन की कमी की वजह से मृत्यु हुई है।
मृत महिला के पोते का कहना है कि उनका गांव बरगीडीह में है। उनकी दादी कोरोना पॉजिटिव थी। उनका इलाज 3 दिनों से चल रहा था। वे 30 तारीख को अस्पताल में आए थे। उसके बाद रात में दादी की स्थिति ठीक थी। सुबह मैंने देखा कि ऑक्सीजन लेवल कम था। कुछ देर बाद ऑक्सीजन आना ही बंद हो गया। महिला के पोते ने हड़बड़ा कर स्टाफ नर्स से बोला नर्सों ने प्रयास किया, लेकिन मैनेजमेंट की गलती की वजह से ऑक्सीजन समय पर नहीं आया, जिसकी वजह से दादी की जान चली गई। इस मामले में कौन झूठ बोल रहा है यह जांच का विषय हो सकता है।