Breaking | Raipur में एंट्री के लिए Corona जांच नही जरूरी, CMHO प्लान ख़ारिज, जानिये वजह…
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रायपुर । रायपुर जिले में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए गुरूवार को CMHO डॉ. मीरा बघेल ने प्रशासन को एक प्रस्ताव भेजा था, कि अन्य जिलों से आने वाले हर व्यक्ति की राजधानी की सीमा पर कोरोना टेस्ट किया जाए। CMHO के इस प्लान को जिला प्रशासन ने खारिज कर दिया है। हालांकि प्रयोग के तौर पर केवल कुम्हारी में दूसरे राज्यों की गाड़ियों में ही जांच होगी।
उन्होंने प्रस्ताव में यह बात भी कही थी कि दूसरे जिले का जो व्यक्ति सीमा पर पॉजिटिव पाया गया, उसके इलाज का भी वहीं इंतजाम हो जाए, ताकि उसके कारण उसके परिवार और आसपास संक्रमण न फैले।
प्रशासन ने जांच की वजह से राजधानी की हर सीमा पर लंबे जाम और लाइन की आशंका को देखते हुए यह प्लान कैंसिल किया है। माना जा रहा है कि सीमा पर इतनी भीड़ और जाम की वजह से संक्रमण और फैलता, इसे भी ध्यान में रखा गया है। अब प्रयोग के तौर पर कुम्हारी नाके के पास अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों पर जांच सोमवार से शुरू होगी।
जानकारी के मुताबिक राजधानी की सीमा पर अब छत्तीसगढ़ की नंबर प्लेट वाली गाड़ियों में सवार लोगों को जांच से मुक्त रखा जाएगा। फिलहाल एक टीम कुम्हारी नाके के पास तैनात होगी। इसके बाहर अन्य राज्यों की गाड़ियों की जांच के लिए दो-तीन और एंट्री प्वाइंट पर टीमें रखी जाएंगी।
कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के नंबर प्लेट वाले वाहनों को मुक्त रखा जाए और दूसरे राज्यों से आने वाले गाड़ियों में सवार लोगों की ही जांच की जाए। हालांकि हर आने वाले व्यक्ति के लिए यह जांच अनिवार्य नहीं है, जिसमें लक्षण होंगे और जो लोग सहमति देंगे, उन्हीं का सैंपल लिया जाएगा, बाकी का नहीं।
इनमें दूसरे राज्यों से आने वाले ट्रक व कामर्शियल वाहनों के साथ कारें वगैरह भी शामिल हैं। सीएमएचओ ने बताया कि सोमवार से कुम्हारी टोल नाका टाटीबंध चौक के पास एक हेल्थ टीम तैनात की जा रही है। यह प्रयोग के तौर पर पहला टेस्टिंग प्वाइंट होगा। वहां बेहतर रिस्पांस मिला तो कुछ और एंट्री प्वाइंट पर ऐसी टीमें तैनात रहेंगी।
हेल्थ अफसरों ने माना कि किसी भी एंट्री प्वाइंट पर अगर एक कार में पांच लोग होते तो हर किसी की जांच में पांच-पांच मिनट लगते ही। अर्थात, कोई भी गाड़ी आधा घंटे से कम समय में पास नहीं हो पाती। इस वजह से राजधानी आने वाली हर सड़क पर कई-कई किमी की लाइन लगती। इसमें वह लोग फंसते तो नौकरी, रोजगार या सामान खरीदने के लिए राजधानी आते-जाते रहते हैं।
राजधानी में भिलाई-दुर्ग, भाटापारा-बिलासपुर, राजनांदगांव, बेमेतरा, गरियाबंद, सरायपाली, महासमुंद और धमतरी समेत कई जगहों से रोजाना लगभग दो लाख लोग आना-जाना करते हैं। यही नहीं, सैकड़ों लोग इलाज के लिए अन्य जिलों से आते हैं। यह सभी मुसीबत में आ जाते, इसलिए प्लान बदलना पड़ा।