केंद्र का फैसला | Online न्यूज और OTT प्लेटफॉर्म अब सूचना प्रसारण मंत्रालय के दायरे में… एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी
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केंद्र सरकार ने ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल, ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने के लिए अधिसूचना जारी की है। इस समय देश में डिजिटल कंटेंट के नियमन के लिए कोई स्वायत्त संस्था या कानून नहीं है।
इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन मीडिया फिल्म और ऑडियो विजुअल प्रोग्राम के साथ ही न्यूज़ और करंट अफेयर्स कंटेंट को भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंदर लाने का फैसला किया है। बुधवार को भारत सरकार ने एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए यह जानकारी दी है।
केंद्र सरकार ने इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में दलील दी थी कि ऑनलाइन माध्यम का नियमन टीवी से अधिक जरूरी है। अब सरकार ने ऑनलाइन माध्यम से न्यूज़ या कंटेंट देने वाले साधनों को मंत्रालय के तहत लाने का बड़ा फैसला लिया है।
केंद्र सरकार ने एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए बुधवार को यह बताया है कि ऑनलाइन फिल्म डिजिटल न्यूज़ और करंट अफेयर्स जैसे कंटेंट सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे। इस समय भारत सरकार में मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कामकाज देख रहे हैं। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस संबंध में जारी एक नोटिफिकेशन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
भारत में इस समय डिजिटल कंटेंट के नियमन के लिए कोई कानून या स्वायत्त संस्था नहीं है। प्रिंट मीडिया के नियमन के लिए प्रेस आयोग, न्यूज चैनलों के लिए न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और एडवर्टाइज़िंग के नियमन के लिए एडवर्टाइज़िंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया है, जबकि फिल्मों के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन है।
इससे पहले साल 2019 में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मोदी सरकार मीडिया की आजादी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाना चाहते। उन्होंने कहा था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कुछ न कुछ नियम कानून जरूर होने चाहिए, जबकि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं फिल्मों के लिए पहले से नियम हैं।