Chhattisgarh | आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगेगा या नही, सरकार ने अब तक नही लिया निर्णय, जानें स्वास्थ्य मंत्री का बयान…
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रायपुर । छत्तीसगढ़ में दीपावली पर इस वर्ष पटाखों की गूंज सुनाई देगी, या फिर बिक्री और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगेगा, इस विषय पर सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस विषय पर कहा है कि सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
इधर, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि इस विषय पर सरकार कोई नियम और कानून का दबाव बनाए उससे अच्छा तो नागरिक अपनी जागरुकता से निर्णय लें। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने सीधा-सीधा फैसला जनता पर छोड़ दिया है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण को देखते हुए कुछ राज्यों की तरह प्रदेश में भी अलग-अलग संगठनों की ओर से पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ रही है। आईएमए रायपुर ने भी मुख्यमंत्री भूपेश को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण का हवाला दिया था। आशंका जताई गई थी पटाखों के कारण वायु प्रदूषण बढ़ेगा। इसके कारण कोरोना संक्रमित मरीजों को परेशानी होगी। कहा गया था कि वर्तमान में प्रदेश में हजारों की संख्या में अभी भी लोग कोविड से बीमार है, जिनका प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में उपचार जारी है। इसके सामान्य लोगों के स्वास्थ्य में असर पड़ सकता है।
बहरहाल दीपावली का त्यौहार नजदीक है। जनता के साथ छोटे-बड़े सभी व्यापारी बेसब्री से दीपावली का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में संशय की स्थिति है कि पटाखों की गूंज सुनाई देगी या फिर सरकार इस पर कोई निर्णय लेगी।स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि यह संवेदनशील मामला है। त्यौहारों का भावनाओं से जुड़ा मामला है। नि:संदेह पटाखों का उपयोग हम जितना कम करें अभी कोविड का समय है। जब कोविड नहीं था सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बैन करने या बिक्री को सीमित करने कहा था। वर्तमान में कोविड है। अब हम उतना घना धुंआ अपने फेफड़ों पर लेंगे। उन्होंने कहा है कि मन के पटाखे सबसे बड़े पटाखे हैं। फुलझड़ी अगर छूटती है तो हमारे मन में छुटनी चाहिए। इस दीपावली पर कोरोना के समय मन की फूलझड़ियां जलाएं, मन के दीपक जलाएं। हमारे मन में खुशियों के पटाखे फूटे ऐसा प्रयास रहना चाहिए।