CM भूपेश बघेल बोले -किसानों को लूटने में लगी है मोदी सरकार, नया कृषि कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है.
1 min readRaipur/thenewswave.com मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। सीएम ने कृषि कानूनों को विरोध करते हुए कहा कि नया कृषि कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है। किसानों को लूटने में लगी है मोदी सरकार। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री रविन्द्र चौबे, अमरजीत भगत, प्रदीप शर्मा और शैलेश नितिन मौजूद थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- मुख्यमंत्री ने जब से कार्यकाल की शुरुआत की, उन्होंने कहा था कि किसान की आय कैसे बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा था कि कुछ नया सोचो, वैज्ञानिक सोचो। अलग अलग चीजों पर चर्चा के बाद हम सबने एथनॉल पर रुके थे।
उन्होंने कहा कि, ये उस वक़्त की बात है जब कहीं भी इथेनॉल की जानकारी इंटरनेट तक में नहीं थी। दुनिया मे चावल से एथनॉल बनाने की बिल्कुल नयी पद्धति थी, इस पर मुख्यमंत्री बने रहे। रविशंकर यूनिवरसिटी के लैब में टेस्टिंग कराई। हमारे लैब में 1 किलो चावल से 470 ग्राम एथनॉल उत्पादित किया गया। तब हमें लगा कि हमारी सोच सफल हो जयेंगी। उसके बाद टूटे चावल को पंजाब के लैब में भेजा गया। और कल वर्चुल मीटिंग में धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री की सोच को स्वीकार करें।
केंद्र पर हमला बोलते हुए सीएम ने कहा कि उन्होंने ये भी शर्त रखी कि अधिक मूल्य में धान खरीदेंगे तो वे नहीं खरीदेंगे। इसे देखते हुए हमने रिसर्च किया और धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी। एथेनॉल का रेट नहीं था हमारे दबाव की वजह से रेट तय हुआ है। हम धान के अलावा अब गन्ना से भी एथेनॉल बनाएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 3 साल तक पूरे हिंदुस्तान को चावल खिला सके उतना धान हमारे पास है। इसका क्या करना है केंद्र सरकार इसके बारे कुछ नहीं सोच रही है। MOU हो चुका है साल भर में प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। बारदाने की सप्लाई नहीं हो पा रही बारदाने की कमी होगी। हमारी मजबूरी इसलिए हम धान नहीं खरीद पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि कानून पर कहा- अभी कृषि कानून की बात पूरे देश में चल रही है। धान खरीदी की एजेंसी राज्य सरकार है। 24 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी FCI के जरिये हुई। शेष धान कहाँ जाएगा। 2019-20 में धान खरीदी को लेकर हमने कई बार पत्राचार किया, चार्टर प्लेन से जाकर कृषि मंत्री से अनुरोध किया कि धान खरीद लो, लेकिन वो टस से मस नहीं हुए। उन्होंने साफ कहा कि बोनस देंगे तो धान की खरीदी नहीं होगी।
उन्होंने कहा- फ़रवरी 2020 में सर्किट हाउस में एथनॉल को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई और ये तय हो गया कि धान से एथनॉल तैयार हो सकता है। तब हमने केंद्र को पत्र लिखा कि हमें एथनॉल बनाने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने उस वक़्त इसे अनुमति नहीं दी। अब जाकर केंद्र ने एथनॉल की अनुमति दी है। धान से एथनॉल बनाने के बाद उसकी कीमत अब जाकर 54 रुपये प्रति लीटर तय की गई हैं। इससे पहले धान से एथनॉल की कीमत तय नहीं थी।
केंद्र ने शक्कर उत्पादन पर भी पांबन्दी लगाई थी, कि तय मात्रा से ज्यादा उत्पादन नहीं कर सकते तो इस पाबंदी के बाद हम शक्कर से भी एथनॉल बनाएंगे।