180 एकड़ जमीन में फैला है सीताफल फॉर्म, धमधा का यह फॉर्म एशिया का सबसे बड़ा सीताफल फॉर्म
1 min read180 एकड़ जमीन में फैला है सीताफल फॉर्म, धमधा का यह फॉर्म एशिया का सबसे बड़ा सीताफल फॉर्म
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर क्रेता विक्रेता सम्मेलन के पश्चात विदेशों से भी अब फलों के निर्यात के लिए आ रहे प्रस्ताव
पूरी तरह जैविक खेती, इजराइल पद्धति से कर रहे खेती,
हॉर्टिकल्चर के लिए राज्य शासन की योजनाओं से लिया अनुदान
लगभग 200 लोगों को साल भर दे रहे रोजगार, ऑर्गेनिक खेती से बदल गया सैकड़ों लोगों का जीवन
एशिया का सबसे बड़ा सीताफल फॉर्म दुर्ग जिले की धमधा ब्लॉक के धौराभाठा गांव में है। लगभग 500 एकड़ के इस फॉर्म में 20 प्रकार के फलों के पेड़ लगे है। इसमें 180 एकड़ जमीन में केवल सीताफल फैला है। सीताफल के पेड़ की आयु 90 साल होती है। इस प्रकार यह 3 पीढ़ियों के लिए निवेश कर भूल जाने की तरह है जिसका हर सीजन में आप लाभ ले सकते हैं। इसके मार्केट के लिए कोई तनाव ही नहीं। भुवनेश्वर में हर दिन इसकी 10 टन खपत होती है। फॉर्म के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल शर्मा ने बताया कि सीजन में हर दिन यहां से 10 टन सीताफल उपजाते हैं। सीताफल पकने पर इसका पल्प निकाल लेते हैं, जो आइसक्रीम आदि बनाने में काम आती है। वे बालानगर प्रजाति के सीताफल उपजाते हैं जो सीताफल की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति माना जाता है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर उद्योग विभाग ने सितंबर माह में क्रेता विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसके पश्चात 16 देशों के प्रतिनिधि मंडल ने इस फॉर्म का भ्रमण किया था। अब इन देशों से करार अंतिम चरण में है। इसमें सऊदी अरब से लेकर सोमालिया तक की कंपनियां शामिल हैं जिनसे निर्यात के संबंध में बात की गई है।