November 1, 2024

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10 सरकारी नलकूप में कागज में तीन चालू सात खराब, नहरें भी हैं सूखी

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बडहरिया प्रखंड क्षेत्र की 30 पंचायतों में फसलों की सिंचाई को लेकर करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए 10 नलकूप वर्षों से…

बडहरिया प्रखंड क्षेत्र की 30 पंचायतों में फसलों की सिंचाई को लेकर करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए 10 नलकूप वर्षों से बंद पड़े हैं। इसे चालू करने की दिशा में विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है। वहीं क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों से गुजरी नहरों में भी पानी नहीं आने से क्षेत्र के किसानों को फसल की सिंचाई करने में काफी परेशानी हो रही है। आलम यह है कि किसान अपनी फसलों की सिंचाई पंप सेट से 150 से 200 रुपये प्रति घंटा पानी की खरीदारी कर रहे हैं, जिस कारण किसानों को खेती करना काफी घाटे का सौदा साबित होता दिख रहा है। सरकार के लघु जल संसाधन विभाग के द्वारा प्रखंड क्षेत्र के 35 हजार 47 एकड़ के खेतों की सिंचाई के लिए लगाए गए इन नलकूपों की स्थिति काफी खराब है। 10 नलकूपों में से 7 खराब पड़े हैं। वहीं 3 नलकूपों को कागजों में ही चालू दिखाकर विभाग के द्वारा प्रति माह प्रतिवेदन जिला मुख्यालय में होने वाली बैठक में पेश किया जा रहा है। हालाकि इस वर्ष मार्च महीने के बाद से ही सभी नलकूपों को मुखिया के हवाले करके चालू करने की व्यवस्था की गई थी। फिर भी एक भी नलकूप से पानी नही निकल सका है। कही ट्रांसफार्मर खराब हैं, तो कहीं तार खराब है। कहीं-कहीं मोटरों की भी खराबी है। इसके साथ ही कई जगह नाले ही नही है ताकि पानी की सप्लाई की जा सके। किसान नलकूप के आस छोड़कर महंगे खर्च पर सिंचाई कर रहे हैं। जिससे किसानों के लिए कृषि लागत लगा पाना भी मुश्किल हो रहा है। किसान परेशान हो रहे हैं।

नाला नहीं है फिर कैसे होगी सिंचाई:

लकड़ी गांव का नलकूप। नलकूप संचालन करने के लिए ऑपरेटर है। कागज में पटवन भी हो रहा है। लेकिन नलकूप से निकले पानी किस रास्ते से जा रहा है यह विभाग को पता नही है। किसान अनूप सिंह ने बताया कि सरकार किसानों को सहयोग करना नहीं चाहती है। अगर हमदर्दी होती तो सरकार इस नलकूप को चालू कर सहयोग करती।

कागजों में ही होती है सिंचाई

प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में लगाए गए नलकूप में से कई खराब हैं तथा 3 को विभाग कागजों में ही चालू दिखा रहा है। जबकि हकीकत में नलकूपों से सिंचाई ही नही होती है। किसानों ने जब जाना कि विभाग ऐसा भी काम कर रहा है तो सभी दंग रह गए। किसानों ने बताया कि पूर्वजों के समय में इन नलकूपों से सिचाई होती थी पर अब नही होती है।

किसानों ने कहा- नहीं होती है सिंचाई

बडहरिया प्रखंड के सुदंरपुर गांव का नलकूप। यह नलकूप चालू होने का दावा विभाग ने किया है। किसान राकेश कुमार व रंजन प्रसाद ने बताया कि नाला टूटा हुआ है। नाले का ईट निकाल लिया गया है,फिर इस स्थिति में कैसे सिंचाई की गई। लोग निजी पंपसेट के सहारे खेतों में पटवन कर रहे हैं।

 

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