रायपुर नगर निगम की कमान नए चेहरे को सौंप सकती है कांग्रेस.. अजीत कुकरेजा मेयर तो प्रमोद दुबे हो सकते हैं सभापति!
1 min readरायपुर 27दिसंबर, 2019। छत्तीसगढ़ में नगर निगम चुनाव परिणाम आ चुके हैं अब सबकी निगाहें महापौर पद को लेकर टिकी हुई है ऐसे में रायपुर नगर निगम में भी मेयर पद को लेकर काफी चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि रायपुर नगर निगम में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के करीब है ऐसे में शहर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। लेकिन कांग्रेस पार्षदों की चिंता बनी हुई है कि आखिर महापौर पद किसको दिया जाएगा वर्तमान महापौर प्रमोद दुबे या पार्टी में नई लीडरशिप पैदा करने के लिए युवा चेहरे को मेयर पद की कमान की जा सकती है।
कांग्रेस के अंदर चर्चा है कि रायपुर महापौर पद को लेकर कोई चौंकाने वाला समीकरण बिठाया जा सकता है। नई लीडरशिप खड़ा करने एजाज़ ढेबर, ज्ञानेश शर्मा एवं अजीत कुकरेजा में से किसी को महापौर की जिम्मेदारी देने गंभीरता से सोचा जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो निवर्तमान महापौर प्रमोद दुबे के सम्मान में किसी तरह की कमी नहीं होने देते हुए उन्हें सभापति जैसे संवैधानिक पद की अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
और अगर इस बार भी रायपुर नगर निगम के महापौर प्रमोद दुबे बनते हैं तो अजीत कुकरेजा को सभापति के लिए नॉमिनेट किया जा सकता है।
माना जा रहा है कि प्रदेश के जिन नगर निगमों में चुनाव हुए वहां के महापौरों की तस्वीर 15 जनवरी के आसपास स्पष्ट होने की संभावना है। फिर भी रायपुर के अलावा कुछ ऐसे हाई प्रोफाइल नगर निगम हैं जहां के महापौर पद के लिए अंदरुनी तौर पर कांग्रेस के भीतर चिंतन मनन शुरु हो गया है। ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि रायपुर का महापौर कौन होगा? सूत्रों के मुताबिक रायपुर महापौर को लेकर बड़े नेताओं की सोच दूर की कौड़ी लाने वाली हो सकती है। रायपुर के बारे में माना जाता है कि यहां कांग्रेस में युवा नेताओं की कमी नहीं लेकिन बड़े स्तर पर दो ही नाम स्थापित हो पाए प्रमोद दुबे व विकास उपाध्याय। ऐसे में कांग्रेस प्रदेश स्तर के नेता तैयार करने की सोच सकती है।
पार्षद अजीत कुकरेजा को महापौर या सभापति की अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। ताकि प्रदेश स्तर पर इनका नाम हो और आने वाले बड़े चुनाव में इन्हें टिकट देकर पार्टी को मजबूत किया जा सके।