VIDEO: झारखंड: कांग्रेस-JMM को जनादेश प्रचंड, विपक्ष बोला- रघुवर का घमंड खंड-खंड
1 min readझारखंड चुनाव नतीजों से जो तस्वीर सामने आ रही है, उससे साफ है कि रघुवर दास सरकार की विदाई तय है। विपक्ष बीजेपी को लगे इस झटके की वजह सीएम रघुवर दास की अक्खड़ छवि को भी मानता है। बता दें कि सीएम रघुवर दास ‘अबकी बार 65 पार’ का नारा दे रहे थे, अब नतीजों में बीजेपी 30 का आंकड़ा छूते भी नजर नहीं आ रही है। रघुवर दास जिस जमशेदपुर ईस्ट सीट पर 1995 से लगातार जीत रहे हैं, जहां पिछला चुनाव उन्होंने 70 हजार वोटों से जीता था. इस बार मुख्यमंत्री रहते हुए भी उस सीट को जीतने के लिए वह जोर आजमाइश करते नजर आए।
#WATCH BJP Working President JP Nadda at a rally in Kolkata: Huge crowd here shows ppl are in support of #CitizenshipAct. West Bengal CM is just doing vote-bank politics by opposing the Act. She should see huge support for Act&understand that ppl have rejected vote-bank politics. pic.twitter.com/6vYv5mtPt8
— ANI (@ANI) December 23, 2019
झारखंड में रघुवर दास सीएम रहते हुए अपनी छवि के लिए चर्चा में रहे. ऐसा कई बार हुआ जब वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में अफसरों, फरियादियों पर अपना गुस्सा जाहिर कर चुके हैं। एक वाकया 2015 का है. रघुवर दास धनबाद दौरे पर थे। इस दौरान बोकारो के जिला अधिकारी मनोज कुमार को मोबाइल पर बात करते देख उन्होंने उन्हें हॉल छोड़कर जाने का आदेश दे दिया। इसके आधे घंटे बाद फिर उन्हें वापस बुला लिया. इसी कार्यक्रम में भाषण के दौरान एक स्थानीय अधिकारी अनिल कुमार सिंह को मंच के सामने से जाते देख रघुवर दास आग बबूला हो गए। सीएम का यह बर्ताव काफी चर्चाओं में रहा था।
काम किया, लेकिन रवैया अहंकारी?
नतीजों के साथ-साथ सीएम की छवि की भी समीक्षा की जा रही है। झारखंड में भीतरखाने में एक चर्चा चलती रही है कि उनके कथित ‘अहंकार’ और ‘तानाशाही’ वाले बर्ताव से सभी पार्टियों के नेता नाराज हैं। अंदरखाने की खबर यह भी है कि संघ और बीजेपी के बड़े पदाधिकारियों ने आलाकमान को आगाह किया था कि वे रघुवर दास को सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट न करें।
आज तक पर चुनाव नतीजों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि रघुवर दास के अहंकारी रवैया से जनता बेहद नाराज है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक बच्ची भात-भात करके मर गई और इस घटना पर सीएम का रवैया अहंकार भरा था। पवन खेड़ा ने कहा कि रघुवर सरकार ने अहंकार भरा रवैया अपनाते हुए सीएनटी एक्ट में बदलाव करने की कोशिश की, लेकिन आदिवासियों के प्रचंड विरोध के बाद इस बदलाव को वापस लेना पड़ा।
यहीं नहीं, एलजेपी नेतृत्व ने भी रघुवर दास के काम काम के तरीके पर सवाल उठाया है। एलजेपी झारखंड में अलग चुनाव लड़ रही है। चर्चा के दौरान एलजेपी नेता अरविंद वाजपेयी ने कहा कि सीएम ने काम तो किया है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन इनके राजनीतिक एरोगेंसी (Arrogancy) से बीजेपी को नुकसान हुआ है।