सरकारी जमीन में कब्जे को लेकर विधायक विनोद चंद्राकर ने सदन में उठाया सवाल
1 min readशासकीय जमीन पर कब्जा करने का विधानसभा में उठा मामला, विधायक विनोद चंद्राकर के सवाल पर राजस्व मंत्री ने दिया जवाब
पिथौरा तहसील अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 53 से लगे ग्राम लहरौद से सांकरा तक के शासकीय जमीन को कूटरचना कर व्यक्ति विशेष के नाम पर दर्ज करने की दो शिकायतें मिली है। दोनों ही प्रकरणों की जांच में शिकायत सही पाई गई और तत्कालीन पटवारी सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह जानकारी राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर के पूछे गए सवाल पर दी। विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को विधायक चंद्राकर ने महासमुंद जिले में शासकीय भूमि को कूटरचना कर व्यक्ति विशेष के नाम पर दर्ज करने संबंधी मामला उठाया। इस पर जानकारी देते हुए राजस्व मंत्री अग्रवाल ने बताया कि पिथौरा तहसील अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 53 से लगे ग्राम लहरौद से सांकरा तक के शासकीय जमीन को कूटरचना कर व्यक्ति विशेष के नाम पर दर्ज करने की दो शिकायतें मिली है। दोनों प्रकरणों की जांच तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी बीएस एक्का द्वारा कराई गई। जांच में शिकायत सही पाई। प्रथम शिकायत में तत्कालीन पटवारी बेंजामिन सिक्का सहित शिवकुमार तिवारी, सेतराम सोनवानी, रामेश्वर चैहान, घांसी प्रजापति तथा दूसरी शिकायत में लक्ष्मीनारायण अग्रवाल व तत्कालीन पटवारी बेंजामिन सिक्का दोषी पाए। बाद इसके पिथौरा थाना में उपरोक्त के खिलाफ धारा 420, 408, 466, 467, 468, 471, 409, 120 बी, 34 तथा धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज कराया गया।
एक प्रतिशत से अधिक सूखत आने पर नोटिस जारी
विधायक चंद्राकर ने महासमुंद जिले के संग्रहण केंद्रों में धान की कमी-सूखत की जानकारी का मामला उठाया। जिस पर मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि महासमुंद जिले में 127 धान उपार्जन केंद्रों के माध्यम से धान खरीदी की जा रही है। वर्ष 2017-18 में महासमुंद संग्रहण केंद्र में 737.12 मे टन, बागबाहरा संग्रहण केंद्र में 176.33 मे टन, पिथौरा संग्र्रहण केंद्र में 294.30 मे टन, बसना संग्रहण केंद्र में 515.42 मे टन व सरायपाली संग्रहण केंद्र में 752.88 मे टन तथा वर्ष 2018-19 में महासमुंद में 3023.44 मे टन, बागबाहरा में 1111.50 मे टन, पिथौरा में 627 मे टन, बसना में 1117.90 मे टन व सरायपाली संग्रहण केंद्र में 1320.15 मे टन सूखत की मात्रा शामिल है। खरीफ वर्ष 2017-18 में एक प्रतिशत से अधिक सूखत आने पर संग्रहण केंद्र प्रभारी महासमुंद, बसना व सरायपाली को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। वहीं खरीफ वर्ष 2018-19 में जिले के पांचों संग्रहण केंद्रों के प्रभारियों को नोटिस जारी किया गया है।