VIDEO: राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अपटेड करने पर मुहर, कागजात या सुबूत जरूरी नहीं
1 min readनई दिल्ली 24 दिसंबर, 2019। केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी। अगले साल अप्रैल से सितंबर के बीच जनगणना के साथ एनपीआर अपडेट करने का काम होगा। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में इस पर मुहर लगी। इसके तहत देश के सभी नागरिकों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके लिए कोई कागजी सुबूत या बायोमीट्रिक जानकारी नहीं देनी होगी। नागरिक जो भी मौखिक जानकारी देगा, उसे सही मानकर रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। इस पर 3900 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, कैबिनेट ने 2021 जनगणना और एनपीआर अपडेट करने को मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने जनगणना के लिए 8,754.23 करोड़ रुपये, जबकि एनपीआर के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस प्रक्रिया में किसी से कोई दस्तावेज नहीं मांग जाएगा और सारी जानकारी स्वघोषित होगी। सरकार ने इस बार जनगणना की प्रक्रिया को बेहद आसान बनाया है। लोगों को अब फार्म भरने की जरूरत नहीं होगी। सारी जानकारी मोबाइल एप पर इकट्ठा की जाएगी।
#WATCH Home Minister Amit Shah speaks to ANI on National Population Register, NRC/CAA and other issues. https://t.co/g4Wl8ldoVg
— ANI (@ANI) December 24, 2019
एनपीआर का एनआरसी से लेनादेना नहीं : शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनपीआर का एनआरसी से लेनादेना नहीं है। दोनों अलग-अलग प्रक्रिया हैं। एनपीआर के आंकड़ों का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए होता है। यह योजना यूपीए सरकार के समय की है। उन्होंने कहा कि एनआरसी पर बहस करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। शाह ने कहा, नागरिकता कानून का विवाद अब खत्म हो रहा है, इसलिए एनपीआर को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। मैं जनता को बताना चाहता हूं कि एनपीआर का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं हो सकता।
सभी नागरिकों का पंजीकरण अनिवार्य
एनपीआर स्थानीय (गांव/उपनगर), तहसील, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नागरिकता कानून 1955 व नागरिकता नियम, 2003 के तहत तैयार होगा। देश के सभी नागरिकों का इसमें पंजीकरण अनिवार्य है। इसमें लोगों द्वारा दी गईं नाम, पता, शिक्षा, पेशा जैसी सूचनाएं दर्ज होंगी।
यूपीए सरकार में शुरू हुई योजना
2010 में पीएम मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय एनपीआर बनाने की शुरुआत हुई। तब 2011 की जनगणना के साथ एनपीआर का डाटा इकट्ठा किया गया, जिसे 2015 में घर-घर जाकर अपडेट किया गया। अपडेट आंकड़ों का डिजिटलीकरण होने के बाद 2021 की जनगणना के साथ (असम को छोड़कर) पूरे देश में एनपीआर अपडेट किया जाएगा।
#WATCH Ajay Maken, Congress leader says, "We also did NPR in 2011, but we never took it forward to NRC." Ajay Maken was the then Minister of State for Home Affairs in 2011 & the head of Census Programme 2011. pic.twitter.com/16X7UrMIoq
— ANI (@ANI) December 24, 2019
स्वदेश दर्शन योजना के लिए 627 करोड़
कैबिनेट ने ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत 2018-19 में मंजूर दस परियोजनाओं के लिए 627.40 करोड़ रुपये और नई परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त 1854.67 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दी। इसके तहत पर्यटन मंत्रालय विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने का बुनियादी ढांचा विकसित कर रहा है। योजना के तहत हिमालय, पूर्वोत्तर, कृष्णा, बौद्ध व तटीय, मरुभूमि, जनजातीय, बायो डायवर्सिटी, वन्य जीव सर्किट, ग्रामीण, आध्यात्मिक, रामायण, हेरिटेज, तीर्थ और सूफी सर्किट को विकसित करने को चिह्नित किया गया है।
सात राज्यों के लिए ‘अटल भूजल’ योजना
जावड़ेकर ने कहा, बुधवार को सात राज्यों में पानी की सुचारु व्यवस्था के लिए अटल भूजल योजना शुरू होगी। छह हजार करोड़ रुपये की इस योजना के लिए तीन हजार करोड़ भारत सरकार और तीन हजार करोड़ विश्व बैंक देगा। इसके तहत, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान के 8350 गांवों में भूजल का प्रबंध किया जाएगा। पानी की सतत उपलब्धता से किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य भी पूरा होगा।
रोहतांग दर्रे के पास सुरंग का नाम ‘अटल टनल’
बुधवार को रोहतांग दर्रे के पास टनल का नाम पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर ‘अटल टनल’ रखा जाएगा। 2003 में अटल सरकार के समय ही यह योजना बनी और मनाली से लेह तक टनल का काम 2005 में स्वीकृत हुआ। इसका 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इससे 46 किमी का रास्ता कम हो जाएगा, जिससे 5 घंटे बचेंगे। 8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग 10 हजार फीट ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग होगी।
क्या है एनपीआर
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जरिए सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी रख सकेगी।
- इसके तहत हर भारतीय नागरिक का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड लिया जाएगा और उनकी वंशावली भी दर्ज की जाएगी।
- वैसे निवासी जो छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाएगा।
- एनपीआर को सरकार राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी।
- एनपीआर तीन चरणों में तैयार किया जाएगा – पहला चरण एक अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 के बीच होगा। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाए जाएंगे।
- दूसरा चरण 9 फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक होगा। इसके बाद तीसरा चरण होगा, जिसमें जुटाए आंकड़ों में जरूरी संशोधन किए जाएंगे।