November 24, 2024

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भारत का एक मोस्ट वॉन्टेड पाखंडी बाबा, जो बना रहा है एक नया देश!

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आपने अब तक ना जाने कितने और कैसे-कैसे बाबा की कहानी सुन और देख ली। मगर इन बाबा ने जो काम कर दिखाया है उसकी कोई दूसरी मिसाल ही नहीं मिल रही। बाबा को देश की पुलिस ने क्या खदेड़ा बाबा ने सीधे एक नया देश ही खरीद लिया। जी हां. ये मजाक नहीं है। यौन शोषण के इल्जाम से घिरे इन बाबा ने भारत से भाग कर करीब 16 हजार किलोमीटर दूर एक नया देश बसाने का एलान किया है। इस नए देश के लिए पासपोर्ट से लेकर देश के संविधान और कानून की भी रूपरेखा तय हो गई है।

भगोड़े बाबा ने बनाया नया देश

पुलिस उसे हिंदुस्तान में ढूंढ रही है। और ये वहां अपना मुल्क बनाए बैठा है। वहां का यही स्वामी है। वही राष्ट्रपिता। यही भगवान है। नाम है ए. राजशेखरन उर्फ स्वामी नित्यानंद जी महाराज। हिंदुस्तान में पुलिस और गिरफ्तारी के खौफ से अलग इसने अपने लिए यहां एक नई दुनिया बनाई है। इस दुनिया का नाम है कैलासा। ये कोई आश्रम या अड्डा नहीं बल्कि अपने आप में पूरा का पूरा राष्ट्र है। दुनिया का इकलौता हिंदू राष्ट्र। इसका अपना पासपोर्ट है. अपना संविधान है. अपना प्रधानमंत्री. अपनी कैबिनेट. अपनी सेना है।

भारत के फरार अपराधी का दावा

हिंदुस्तान के फरार अपराधी और इस राष्ट्र के स्वामी का दावा है कि दुनिया का कोई भी हिंदू यहां की नागरिकता पा सकता है. क्योंकि जो आस्था के लुटेरा है वो यहां सनातन धर्म की रक्षक होने का दावा कर रहा है। अपनी साध्वी के साथ सेक्स टेप से दुनियाभर में मशहूर हुए स्वामी नित्यानंद ने लैटिन अमेरिकी देश इक्वॉडोर के नज़दीक एक टापू को खरीद कर उसे नया देश घोषित कर दिया है और नाम रखा है कैलासा।

कहां है भगोड़े बाबा का नया देश?

इस टापू की लोकेशन क्या है. उसका नक्शा कैसा है. इसकी जानकारी या तो कैलासा के भगवान को है या इस सृष्टि के भगवान को। कैलासा के भगवान यानी नित्यानंद. बहरहाल हम यहां एक चीज़ साफ कर दें कि दुनिया के नक्शे पर आप ये जो कैलासा देख रहे हैं। वो महज़ एक प्रतीकात्मक तस्वीर है। इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है। क्योंकि जिस कैलासा राष्ट्र की बात रेप का आरोपी नित्यानंद कर रहा है वो कहां ये अभी साफ नहीं हो पाया है।

दुनिया का इकलौता हिंदू राष्ट्र!

दुनिया के इस इकलौता हिंदू राष्ट्र कैलासा की लोकेशन भले साफ ना हो। मगर इसके अलावा तमाम चीज़ों का खुलासा नित्यानंद ने अपनी वेबसाइट पर कर दिया है. मसलन राष्ट्रीय पशु भगवान शिव के बैल नंदी को बनाया गया है। ‘कैलासा’ का अपना पासपोर्ट है। अपना तिकोना झंडा भी है। जिसपर नित्यानंद की तस्वीर के साथ नंदी बैल दिखता है। झंडे पर नित्यानंद को भगवान शंकर के अंदाज़ में दिखाया गया है। और नंदी उसकी उपासना कर रहा है।

राष्ट्रीय चिन्ह भी तय

इसके अलावा कैलासा का राष्ट्रीय फूल कमल. राष्ट्रीय पक्षी शारबम. तो राष्ट्रीय पेड़ बरगद को रखा गया है। अर्थव्यवस्था में इनके गोल्स हैं दुनिया की इकलौती धार्मिक इकॉनमी तैयार करना। ये किस तरह की इकॉनमी होगी। इसका भी राज़ फिलहाल नित्यानंद के सीने में ही दबा हुआ है।

बेवसाइट पर बताया महान हिंदू राष्ट्र

कैलासा की वेबसाइट के मुताबिक ये धरती का सबसे महान हिंदू राष्ट्र है. और दुनिया के उन तमाम हिंदुओं का स्वागत करता है जो यहां आना चाहें। फिर चाहे वो किसी भी नस्ल, लिंग, संप्रदाय या जाति से हों। उन्हें एक सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराई जाएगी। जिस नित्यानंद पर साध्वी का यौन शोषण करने और मासूमों को बंधक बनाकर प्रताड़ित करने का आरोप है वो यहां हिंदुओं को एक ऐसा देश देने का दावा कर रहा है।

जहां शांति होगी और बिना किसी तरह की हिंसा या दखलंदाजी के हिंदुओं को अपनी संस्कृति और कला का पालन करने का मौका मिलेगा। बिना किसी रोक-टोक के अपनी आध्यात्मिकता का इज़हार कर सकेंगे। अब सवाल ये कि आखिर हिंदुस्तान के इस भगोड़े आरोपी ने अपना अलग देश क्यों बना लिया। छुप तो वो कहीं भी सकता था। फिर देश बनाना का तुक क्या है. और मकसद क्या इसे जानना ज़रूरी है।

सारे विभागों की रूपरेखा तय

मगर फिलहाल जो जानकारियां आ रही हैं उसके मुताबिक नित्यानंद का दावा है कि उसने सिर्फ सनातन धर्म की रक्षा के लिए नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रताड़ित हो रहे हिंदुओं को शरण देने के लिए कैलासा राष्ट्र बनाया है। यहां हिंदुओं की अपनी सरकार होगी। अपनी कैबिनेट होगी. इनके विभाग भी बांट दिए गए हैं। मसलन डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट, डिपार्टमेंट ऑफ टेक्नॉलजी, डिपार्टमेंट ऑफ एनलाइटेंड सिविलाइज़ेशन, डिपार्टमेंट ऑफ ह्युमन सर्विसेज़ और डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स जैसे विभाग वहां बताए जा रहे हैं।

मंदिर आधारित होगी जीवनशैली

हिंदुस्तान से नित्यानंद के हिंदू राष्ट्र की दूरी करीब 16000 किलोमीटर या उससे भी ज़्यादा हो सकती है। लैटिन अमेरिकी देश इक्वाडोर के नज़दीक कैलासा राष्ट्र की मुख्य भाषाएं अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल हैं। कैलासा की अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी इसका भी मॉडल तैयार किया गया है. कैलासा का एक मकसद मंदिर आधारित जीवनशैली को फिर से व्यवहार में लाना है। यानि ऐसा जीवन, जो मंदिर और इसकी गतिविधियों के इर्द-गिर्द घूमता हो।

नागरिकों के लिए मुफ्त सुविधाएं

वेबसाइट के मुताबिक यहां हर किसी के लिए मुफ़्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और यहां तक कि सबके लिए मुफ़्त खाने की व्यवस्था होगी। जो यौन शोषण और किडनैपिंग जैसे संगीन क्राइम के लिए हिंदुस्तान में वॉन्टेड भगोड़ा है। जानते हैं क्यों उसने देश के कानून से बचने के लिए अपना अलग राष्ट्र बना लिया है।वक्योंकि कभी-कभी उसे लगा है कि वही भगवान है।

एक टापू पर बनाया गया है ये देश!

लैटिन अमेरिकी देश इक्वॉडोर के नज़दीक एक टापू खरीदकर नित्यानंद ने उसे अपना नया देश बनाया है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब किसी ने टापू खरीदा हो। इससे पहले भी देश के कई लोग दुनिया की अलग अलग जगहों पर टापू खरीद चुके हैं। मगर देश किसी ने नहीं बनाया। अब अगर नित्यानंद की ये कोशिश कामयाब हो गई तो फिर देश से भागने वाले भगोड़ों को एक नया ठिकाना मिल जाएगा।

पुलिस को तलाश है भगोड़े बाबा की

भारत की पुलिस और एजेंसियां पीछे ना पड़तीं तो भगवान बनने के लिए नित्यानंद को हिंदुस्तान से इतना दूर जाने की ज़रूरत ही नहीं थी। मगर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर पाखंड का इतना बड़ा साम्राज्य इस शख्स ने खड़ा कर दिया कि अब इसका हिसाब होना ज़रूरी हो गया है। लेकिन इससे पहले की देश के दूसरे तमाम बाबाओं की तरह इसे भी सलाखों के पीछे भेजा जाता। ये नेपाल के रास्ते कैलासा निकल गया. लैटिन अमेरिका देश इक्वॉडोर के नज़दीक एक टापू जिसे इसने खरीदकर हिंदू राष्ट्र घोषित करने का दावा किया है।

सेक्स सीडी से खुली थी भगोड़े बाबा की पोल

खुद को चमत्कारी शक्तियों से भरपूर होने का दावा करने वाला भगोड़े नित्यानंद की तलाश काफी वक्त से पुलिस को थी। मगर अब उसकी खबर आई भी तो वो इतनी दूर निकल चुका है कि उसे पकड़ना मुश्किल है। यौन शोषण से लेकर अपहरण तक कई मामलों में कैलासा का ये भगवान वॉन्टेड है। साध्वी की आस्था से खेलने के मामले में तो ये जेल की हवा भी खा चुका है। और मशहूर तो ये तब ही हो गया था जब इसकी सेक्स सीडी दुनिया के सामने आई थी। लगा अब इस फर्ज़ी बाबा का करियर खत्म हो चुका है। मगर करीब 7-8 साल गुमनामी में रहने के बाद ये फिर लौटा। और इस बार हुलिया बदलकर ये सामने आया।

बच्चों को बंधक बनाने का आरोप

मगर ना जाने क्या बात है इस चेहरे में कि इसकी हकीकत जानने के बाद भी लोग फिर से इसके झांसे में आने लगे। और फिर से इसने लोगों की आस्था से खेलने शुरू कर दिया। लेकिन दोबारा सुर्खियों में तब आया जब अहमदाबाद आश्रम में उसके ही भक्त ने अपने 4 बच्चों को बंधक बनाने का आरोप लगाया। लेकिन जब तक पुलिस इस तक पहुंचती तब तक ये रफूचक्कर हो चुका था। यही नहीं बलात्कार के एक मामले में कर्नाटक पुलिस भी इसको तलाश रही है।

खुद को भगवान कहता है बाबा

सब को लगा नित्यानंद का खेल अब खत्म हो गया। उसका जेल जाना तय था। मगर अचानक वो गायब हो गया। ये तो शक़ था कि नित्यानंद देश छोड़कर भाग गया होगा। लेकिन ये अंदाज़ा तो किसी ने नहीं लगाया था कि वो कानून से भागते-भागते अपने लिए अलग देश का ही निर्माण कर लेगा। और उस देश का जज और कानून खुद ही बन जाएगा। एक ऐसी दुनिया जहां का राजा भी वही है. नियम भी वही और कानून भी। वो अपराधी जिसे जेल में होना चाहिए वो सात समंदर पार भगवान बना बैठा है। और वहीं से धर्म के नाम पर लोगों की आस्था से खेलने की इंटनेशनल कोशिश कर रहा है।

यू ट्यूब चैनल पर किया खुलासा

खुद को शिव का अवतार बताने वाला ये शख्स कोई चमत्कारी नहीं बल्कि एक ढोंगी है। एक अपराधी है। एक भगोडा है जो कानून के शिकंजे से बचने के लिए देश छोड़कर फरार हो गया है। और अब कैलासा राष्ट्र का निर्माण करने का दावा कर रहा है। हालांकि इस खबर को यूं ही खारिज भी नहीं किया जा सकता है। ऐसा लगता है कि ये सब नित्यानंद की प्लानिंग का हिस्सा है। जो वो पिछले कई महीनों से कर रहा था। इस नए देश का प्लान कुछ महीनों पहले ही तैयार हुआ था और अपने यू ट्यूब चैनल में नित्यानंद ने इस देश की संकल्पना सामने रखी थी।

अब नित्यानंद को पकड़ना मुश्किल

दरअसल, भारत में नित्यानंद की पोल खुल चुकी है। वो जानता था कि अब बहुत ज्यादा वक्त तक वो कानून के शिकंजे से बच नहीं पाएगा. इसीलिए उसने विदेश में इस नए देश को बनाने का काम शुरु किया। नित्यानंद का अगला टारगेट वो विदेशी लोग हैं जिन्हें वो हिन्दू धर्म, संस्कृति, योग और मेडिटेशन के जरिए शांति देने का दावा कर ठगने की कोशिश में है. दुनियाभार में अपना साम्राज्य तो उसने पहले से ही बना रखा है। अलग अलग देशों में उसके आश्रम भी हैं। ऐसे में अगर कैलासा राष्ट्र अस्तित्व में आ गया या उसे मान्यता मिल गई तो फिर इसे पकड़ना आसान नहीं होगा।

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