छत्तीसगढ़ के उद्योग विहीन क्षेत्रों में उद्योग लगाने वालों को मिलेगी रियायत: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को नवा रायपुर के मेफेयर लेक रिसॉर्ट में सीएनबीसी आवाज द्वारा आयोजित सीईओ अवार्ड कार्यक्रम में देश के विभिन्न उद्योगों, सेवाओं के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सीईओ को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जिन क्षेत्रों में उद्योग नहीं है उन क्षेत्रों में उद्योग लगाने वालों को रियायत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के 44 प्रतिशत क्षेत्र में जंगल है। यहां प्रचूर मात्रा में खनिज, कोयला, बिजली, पानी और मानव श्रम उपलब्ध हैं। छत्तीसगढ़ के बैलाडीला से देश-विदेशों में आयरन की पूर्ति होती है। देश के विकास में छत्तीसगढ़ का अहम योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नई उद्योग नीति लागू की गई है। जिसमें उद्योगों को बहुत सी सुविधाएं दी गई हैं। उद्योग नीति बनाने के लिए उद्योगपतियों से भी राय ली गई और उनसे प्राप्त अच्छे सुझावों को नीति में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में फूड प्रोसेंसिंग पर आधारित उद्योग लगाए जा रहे हैं। यहां चाय और कॉफी का भी उत्पादन हो रहा है। राज्य के सभी क्षेत्रों में आवागमन की सुविधाएं विकसित हुई हैं। यहां की संस्कृति और परम्परा समृद्ध है। यहां सभी क्षेत्रों में सद्भावना का वातावरण है। राज्य सरकार की नीतियों की वजह से यहां मंदी का कोई असर नहीं है। बेरोजगारी कम हुई है। जेम-ज्वेलरी में 85 प्रतिशत तक विकास हुआ है। यहां प्रचूर मात्रा में अन्न उत्पादन होता है। राज्य में धान से इथेनॉल बनाने की कार्ययोजना का प्रस्ताव केन्द्र के पास विचाराधीन है। अनुमति मिलने पर उत्पादन शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कुपोषण से मुक्ति के लिए अभियान चलाया जा रहा है। मलेरिया और डायरिया की रोकथाम के लिए अभियान जारी है।