कल्याणकारी राज्य की कल्पना को साकार करने वाला बजट -मंत्री अमरजीत भगत
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धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल देने का वायदा पूरा
बजट में 5100 करोड़ का प्रावधान
सभी परिवारों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था
रायपुर, 03 मार्च 2020/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए प्रस्तुत बजट को खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कल्याणकारी राज्य की कल्पना को साकार करने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में मुख्यमंत्री बघेल ने बजट को सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः की भावना के साथ प्रदेश की जनता को समर्पित किया है। वास्तव में यह बजट किसानों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें की समृद्धि, गांवों की आर्थिक प्रगति और शिक्षा, स्वास्थ्य आदि की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने वाला बजट है। मुख्यमंत्री ने बिना कोई कर लगाए राज्य के विकास को और गति प्रदान किया है।
अमरजीत भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों को धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल देने का वादा बहुत से व्यावधानों को दूर करके पूरा कर दिया है। किसानों को धान खरीदी की अंतर की राशि देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की जा रही है। इस वर्ष के बजट में किसानों को अंतर की राशि देने 5100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी परिवारों को सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शामिल करके खाद्यान्न देना शुरू किया है। राज्य के 65 लाख 22 हजार राशनकार्डधारी हितग्राहियों को उचित मूल्य की दुकानों से चावल देने के लिए 3 हजार 410 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा गया है। यही नहीं अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में प्रति परिवार दो किलो चना वितरण के लिए 171 करोड़ रूपए और बस्तर संभाग में प्रति परिवार दो किलो गुड़ वितरण के लिए 50 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बजट में छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किया है। राज्य में युवा महोत्सव के लिए नवीन मद में 5 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा है। छत्तीसगढ़ में शिल्पकला संस्कृति एवं पर्यटन को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए भी पर्याप्त बजट प्रावधान किया है। इस वर्ष पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 103 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान है। राम वन गमन परिपथ में विकास एवं निर्माण के लिए 10 करोड़ का प्रावधान रखा है। राज्य के जिला मुख्यालयों में गढ़ कलेवा की स्थापना के लिए स्व-सहायता के लिए 10 लाख रूपए का रिवाॅल्विंग फंड उपलब्ध कराने का बजट में प्रावधान है।