November 1, 2024

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आज़ादी के नारे लगाना देशद्रोह, करेंगे सख़्त कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे नारे लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में हुई रैली के दौरान कहा अब तो इन लोगों में इतनी भी हिम्मत नहीं रही कि स्वयं आंदोलन करने की स्थिति में हो इसलिए अपने घर की महिलाओं को चौराहे-चौराहे पर बिठाना शुरू कर दिया है.

Kanpur thenewswave : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए जा रहे ‘आज़ादी’ के नारे को देशद्रोह बताते हुए बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ऐसे नारे लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

उन्होंने कहा कि भारत की धरती पर खास करके उत्तर प्रदेश की धरती पर मैं यह कहूंगा की धरना प्रदर्शन के नाम पर कश्मीर में जो नारे कभी आजादी के लगते थे अगर इस प्रकार के नारे लगाने का कार्य करोगे तो देशद्रोह की श्रेणी में आएगा. फिर इस पर कठोर कार्रवाई करने का कार्य सरकार करेगी. यह स्वीकार नहीं हो सकता है कि भारत की धरती पर रह कर भारत के खिलाफ षड्यंत्र करने की छूट हो.

वहीं, सीएए के खिलाफ महिलाओं के प्रदर्शन पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने तीखा हमला बोलते हुए बुधवार को कहा कि कुछ लोगों में इतनी हिम्मत नहीं कि वे स्वयं आंदोलन करें, इसलिए घर की महिलाओं और बच्चों को चौराहों पर बैठा दिया है. पुरुष घर में रजाई में सो रहे हैं और महिलाएं चौराहे पर हैं.

कानपुर के साकेतनगर स्थित मैदान में बुधवार को सीएए के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि और अब तो इन लोगों में इतनी भी हिम्मत नहीं रही कि यह लोग स्वयं आंदोलन करने की स्थिति में हो क्योंकि इन्हें मालूम है कि अगर यह तोड़फोड़ करेंगे तो इनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘अपने घर की महिलाओं को चौराहे-चौराहे पर बिठाना प्रारंभ कर दिया है, बच्चों को बिठाना प्रारंभ कर दिया है. इतना बड़ा अपराध कि पुरूष घर में सो रहा है रजाई ओढ़कर और महिलाओं को आगे करके चौराहे-चौराहे पर बिठाया जा रहा है.

उन्होंने कांग्रेस, सपा और वामपंथी दलों पर आरोप लगाया कि विपक्षी दल महज राजनीति कर रहे हैं और विरोध के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. विरोध के नाम पर महिलाओं को आगे किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘आप जाके पूछें उनसे किसी से भी कि धरने पर क्यों बैठे हैं तो कहते हैं कि घर के मर्द कहते हैं कि हम इतने अक्षम हो चुके हैं कि कुछ कर सकें इसलिए तुम धरने पर जाकर बैठ जाओ. इनके लिए देश महत्वपूर्ण नहीं है.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं फिर इस मंच से कहूंगा कि लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देना सब का अधिकार है. लेकिन, कोई सार्वजनिक संपत्ति को, व्यापारिक प्रतिष्ठानों को जलाएगा, तोड़फोड़ करेगा तो हम उसकी संपत्ति से वसूली करके ले लेंगे और आगे के लिए हम उनको वह सजा देंगे कि आने वाली पीढ़ी उन्हें याद करेगी कि कैसे कार्य होते हैं. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कीमत क्या होती है इसके बारे में उनको 10 बार सोचना पड़ेगा.’

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